मंडलीय जिला अस्पताल में पाँच घंटे बिजली गुल,पानी के लिए तरसते रहे मरीज।
जिम्मेदार अफसरों ने साधी चुप्पी 200 मरीजों की जिंदगी खतरे में।
आजमगढ़,प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर मरीजों के प्रति चाहे जितने भी दावे करें सभी दावे खोखले दिखाई देते हैं अधिकारियों की नाफरमानी से मरीजों की जान पर बन आती है। मंडलीय जिला अस्पताल में रविवार को सुबह 7:00 बजे से 12:00 बजे तक बिजली गुल रही अंधेरे में मरीज तड़पते रहे लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी मौके पर पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाया इतना ही नहीं अंधेरे में ड्यूटी रूम में मौजूद स्टाफ नर्स भी कहीं टॉर्च तो कहीं मोमबत्ती तो कहीं मोबाइल का टॉर्च जलाकर काम करती नजर आई पूछने पर पता चला कि सुबह 7:00 बजे से पूरे जिला अस्पताल की बिजली गुल है जिसके लिए स्वास्थ विभाग के सीनियर सिटीजन भी हालात को जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए वहीं वार्ड में अंधेरे में मरीज पड़े रहे और पानी की बूंद के लिए तरसते रहे इतना ही नहीं बिजली गुल हो जाने के कारण सप्लाई का भी पानी बंद रहा जिससे मरीजों को पीने के अलावा शौच करने के लिए भी सोचना पड़ था। जबकि जिला अस्पताल में जनरेटर भी मौजूद है लेकिन मरीजों का दुख दर्द किसी को दिखाई नहीं दिया संजोग ऐसा था कि रविवार का दिन होने के नाते डायलिसिस बंद होती है नहीं तो कितने मरीजों की जान चली जाती आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों का किसी तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई लेकिन बिजली ना होने के कारण उनका पल्स मीटर चेक नहीं किया जा सका जिसके लिए सुबह से ही मरीज और तीमारदार बाहर से पानी खरीद कर लाते रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि 5 घंटे से बिजली गुल है जिसके कारण हम सभी को मोमबत्ती या फिर चार्ज के सहारे ही काम करना पड़ रहा है।मरीजों को इंजेक्शन लगाने में काफी मुश्किल हो रही है लेकिन स्वास्थ विभाग का कोई अधिकारी भी यह जानने नहीं आया जिला अस्पताल में बिजली है या नहीं है।
मरीजों की जुबानी-
अतरौलिया के बिलारी गांव निवासी शांति ने बताया कि सुबह 7:00 बजे से बिजली गुल है दोपहर के 12:00 बज गए हैं लेकिन अभी तक किसी का पता नहीं है जिसके लिए हम लोगों को बाहर से पानी पीने के लिए खरीद कर लाना पड़ रहा है।
बिलरियागंज थाना क्षेत्र के भीम बर गांव निवासी शोभा देवी ने बताया कि 5 घंटे हो गए लेकिन जिला अस्पताल में बिजली नहीं है जिसके कारण पीने के लिए पानी खरीद कर ला रहे हैं।
वर्जन-हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है अगर जिला अस्पताल में बिजली नहीं थी तो कर्मचारियों को जरनेटर चलाना चाहिए था किन कारणों से जरनेटर नहीं चला जांच करने पर ही पता चलेगा।
डॉ अनूप कुमार सिंह प्रमुख अधीक्षक मंडली जिला अस्पताल।
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