सीएमओ कार्यालय में सीएमओ के नाक के नीचे स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए छात्र छात्राओं से हो रही वसूली।
आजमगढ़,भविष्य बनाने निकले छात्र-छात्राओं से स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देने के बदले वूसली की जा रही है। सरकार ने 38 रुपये फीस निर्धारित की है, जबकि वसूली दो सौ रुपये तक की जा रही। स्टूडेंट्स रोजाना हो-हल्ला मचा रहे लेकिन उनकी आवाज भ्रष्टाचार की बुलंदियों में दबकर रह जा रही है। जिम्मेदार सबकुछ जानने के बावजूद चुप्पी साधे पड़े हैं।
सूबे में योगी सरकार सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पर ही प्रहार कर रही है। कार्रवाइयां भी की जा रही, लोग जबरदस्ती रिटायर किए जा रहे हैं। इतनी कार्रवाई के बावजूद सीएमओ कार्यालय के बाबू निडरता से वसूली कर रहे हैं। इन दिनों आइटीआइ और पालीटेक्निक में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देने की जरूरत पड़ रही है। छात्र-छात्राओं की रोजाना भीड़ उमड़ रही है। सीएमओ कार्यालय में बाबू इसका फायदा उठा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि बाबू दो सौ रुपये का शुल्क निर्धारित कर दिया है। इंकार करने पर कोई न कोई बहाना लगाकर तीन-चार बार दौड़ा दिया जा रहा है। बाबू के इतना करने मात्र से दूर-दराज से आने वाले छात्र-छात्राओं के दौ सौ रुपये से ज्यादा किराए में खर्च हो जाते हैं। पानी सिर से ऊपर पहुंच जाने पर भाजयुमो लालगंज के महामंत्री समर प्रताप सिंह और हिदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष विपिन सिंह ने गुरुवार को स्वास्थ्य प्रशासन से शिकायत भी दर्ज कराई। दोनों नेताओं की शिकायत के बावजूद छात्र-छात्राओं को कोई राहत नहीं मिली है।
‘प्रमाणपत्र जारी करने के नाम पर वसूली का मामले मेरे संज्ञान में है। कुछ संगठन के लोगों ने शिकायत भी दर्ज करायी है। जांच के लिए दो कर्मचारियों को लगाया हूं। रिपोर्ट आने के बाद उचित कारवाई की जाएगी।’
डा. इंद्र नारायण तिवारी, सीएमओ
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