आधुनिक पोस्टमाटर्म हाउस संशाधन विहीन छह साल बाद भी नही लगा एक्स-रे मशीन।
सन 2014-15 मेंं 52 लाख रुपये से हुआ था निर्माण।
आजमगढ़,मंडलीय जिला अस्पताल में लगभग छह साल पूर्व जर्जर मर्चरी हाउस को देखते हुए सपा सरकार ने लगभग 2014-15 में मर्चरी हाउस को आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनने का बीडा उठाया तो उसने 52 लाख रुपये खर्च कर यूपीपीसीएल कार्यदायी संस्था को बनाने का जिम्मा दिया जिसने आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस को बना कर सीएमओं को हैडओवर भी कर दिया शेष की जिम्मेदारी सीएमओं को करनी थी लेकिन अधिकारी सरकार की किसी भी योजना को साकार करने मेंं नाकाफी साबित हो रहे है उसके बाद कई सीएमओं आए और चले गए लेकिन किसी ने भी आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस में शवों के घर और उनसे जुड़ी संशाधनों की खोज खबर नही ली वर्तमान में तैनात सीएमओं के कार्यशैली पर सवालिए निशान खड़े हो रहे है क्यों कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का सही ढंग से निर्वहन नही करते है हमेशा से एक दूसरे पर पल्ला झाड़ने का काम करते है। लगभग छह साल बाद भी आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस में एक्स-रे मशीन उपलब्ध नही है इतना ही नही एक्स-रे मशीन चलाने के लिए एक आपरेटर की तैनाती भी हुई है। वही बगल में बने केमिकल और एक्स-रे रुम दोनों ही अपनी दुर्दशा पर आसू बहा रहे है। लेकिन अधिकारी आज भी संज्ञान मेंं नही ले रहे है जिससे शवो की हो रही दूर्दशा को रोका जा सके यहा तक कि एक सफाईकर्मी की तैनाती भी आज तक नही हुई है जिससे वहा की साफ-सफाई की व्यवस्था हो सके जिसके कारण आज तक आधुनिक पोसटमार्टम हाउस संशाधन विहीन पड़ा है। जानकारी केे मुताबिक बता दे कि प्रत्येक महीने लगभग चार से छह गोली के शव पीएम के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं जब भी गोली लगे शव पोस्टमार्टम के लिए आता है तो उसे भी आम आदमी वाले एक्स-रे मशीन के यहा घंटो इंतजार करना पड़ता है जिसके लिए परिजनों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिस के दुखों को समझने वाले अधिकारी योजनाओं को संज्ञान में नहीं लेते हैं और अपनी मनमानी करते नजर आते हैं
वर्जन सीएमओं एके मिश्रा- पोस्टमार्टम हाउस में एक्स-रे मशीन लगना शासन का काम है हमारा नही हमने पिछले दो सालों से एक्स-रे मशीन के लिए शासन को कोई पत्र नही भेजा आगे कोई भेजा होगा तो हमे इसकी जानकारी नही है। यह शासन की व्यवस्था है अगर एक्स-रे मशीन देती है तो उसे लगवाया जाएगा।
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