एक बार फिर शर्मसार हुआ जिला मंडलीय अस्पताल,घंटो जमीन पर तड़पता रहा मरीज नहीं मिला बेड।
वाडो का चक्कर काट काट कर जमीन पर लेट गया मरीज।
आजमगढ़ , प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए जहां लोगों को स्वास्थ्य व्यवस्था द्वारा बेहतर इलाज के दावे कर रही है वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है मंडलीय जिला अस्पताल आजमगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी होती नजर आ रही है आए दिन जिला अस्पताल में ऑक्सीजन और इलाज संबंधित मरीजों के लिए मारपीट की घटनाएं उजागर हो रही है किसी भी घटना से अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है और स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है। हद तो तब हो गई जब शनिवार को चुनहवा गांव निवासी सतीश कुमार अपने बड़े भाई को लेकर मंडलीय जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे तो पता चला कि ना तो बेड है और ना ही ऑक्सीजन और ना ही उनके बड़े भाई को भर्ती किया जा रहा है। सतीश ने बताया कि अस्पताल में बेड न मिलने के कारण अस्पताल की मुख्य गेट पर अपने बड़े भाई को जमीन पर लेटा दिया। ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज तड़पता हुआ जमीन पर लेट गया लेकिन अस्पताल का कोई कर्मचारी इलाज के लिए पास नहीं आया इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि हम वार्डो का चक्कर लगाते रहे और डॉक्टर से विनती करते रहे हमारे बड़े भाई को भर्ती कर दीजिए जिससे हमारे बड़े भाई की जान बच जाए पर किसी ने नही हमारी नही सुनी इमरजेंसी कक्ष में तैनात डॉक्टर और वार्ड के स्टाफ व नर्स द्वारा यही कहा जाता रहा कि यहां न तो बेड है और ना ही ऑक्सीजन की व्यवस्था है अपने मरीज को कहीं और ले जाइए थक हार कर और अस्पताल प्रशासन को कोसते हुए सतीश मायूस होकर अपने बड़े भाई को इलाज के अभाव में वापस लेकर घर चला गया।
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