रात्रि में एक ईएमओ और एक फार्मासिस्ट के सहारे चल रहा जिला मंडलीय अस्पताल।
कॉल डे पर मरीजों को देखने नहीं आते हैं डॉक्टर।
मरीजों की जान के साथ आए दिन होता है खिलवाड़।
आए दिन लगभग सैकड़ों मरीजों की जिंदगी खतरे में भगवान भरोसे मरीजो का इलाज।
आजमगढ़, कोरोना संक्रमण के महामारी में जहाँ मौत का सिलसिला जारी है जहाँ आये दिन मौते हो रही है वही स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है। जिसेसे प्रतिदिन गंभीर मरीजों के मरने का सिलसिला जारी है जानकारी के मुताबिक बता दें कि जिला अस्पताल की ओपीडी कॅरोना के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने पहले ही बंद करवा दी है जिससे अन्य रोगों के इलाज के लिये गंभीर मरीज भटकते रहते हैं इतना ही नहीं आपातकालीन कक्ष में तैनात सिर्फ एक ईएमओ (मेडिकल अफसर ) और एक फार्मासिस्ट के सहारे जिला अस्पताल चल रहा है। मरीजों के प्रति कितना गंभीर है इसका अंदाजा मरीजों की मौत के बाद ही लगाया जा सकता है। अस्पताल परिसर में लगभग 100 से 150 मरीज भर्ती होंगे लेकिन उनको देखने के लिए सिर्फ एक ईएमओ और एक फार्मासिस्ट ही मौजूदा समय में रहते हैं। किसी मरीज की हालत गंभीर हो गई तो काल डे (सुबह 8:00 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 8:00 बजे तक) पर तैनात डॉक्टर नहीं आते हैं। खास बात यह भी है कि अगर मरीज गंभीर है और ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स डॉक्टर को फोन करती रह जाए लेकिन डॉक्टर फोन तक नही उठाते हैं किसी तरह आ भी गये तो मरीज को देखने के लिए जोखिम नहीं उठाते हैं। उसके बाद मरीज की मौत हो जाती है जो हंगामे का प्रमुख कारण है। वहीं अस्पताल परिसर में काल डे ड्यूटी कर रहे डॉक्टरअक्सर अपने घर का रुख कर लेते हैं जिससे आए दिन मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती है इतना ही नहीं इमरजेंसी कक्ष में ना तो कोई सर्जन मिलेगा और ना ही कोई फिजीशियन जिससे मरीजों को उपचार में लाभ मिल सके कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ विभाग द्वारा उचित इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए वही उनकी इलाज में घोर लापरवाही सामने आ रही है। आए दिन ऐसी लापरवाही से भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही है। जिससे मरीजों के मरने का सिलसिला आज भी जारी है वही ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्सों का कहना है कि कॉल डे पर लगी ड्यूटी पर सर्जन,फिजीशियन,हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती है तो फोन करने पर ज्यादातर लोग फोन नहीं उठाते और ना ही जल्दी आते हैं जिसे गंभीर मरीज दम तोड़ देते हैं ।
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