शिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़।
ओम त्रयंबकम यजामहे, सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।उर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। नम्ः शिवाय्
शिव बारात के साथ बड़ी संख्या में कावड़िये, श्रद्धालु मंदिर पहुच कर किये जलाभिषेक।
बाबा भवर नाथ जी की कहानी।
आज़मगढ़,फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन गुरूवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है, जहां आसपास का वातावरण शिवमय हो गया है। आजमगढ़ में भी सुबह से भक्तों की भारी भीड़ है दोपहर में शिव बारात के साथ बड़ी संख्या में कावड़िये मंदिर पहुच कर जलाभिषेक करते हैं। रात तक मंदिर में पूजन अर्चन चलता रहता है। आज़मगढ़ समेत पूर्वांचल में आज बृहस्पतिवार को भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालुओं द्वारा भगवान शिव का जलाभिषेक व पूजन अर्चन किया जा रहा है। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मंदिरों में महाशिवरात्रि में भीड़ नहीं देखी गई थी लेकिन इस बार सुबह से ही काफी संख्या में भक्त मंदिर में पहुंचे रहे हैं। आजमगढ़ नगर की सरहद पर आजमगढ़ फैजाबाद राजमार्ग पर स्थित शिव का मन्दिर के रूप में भंवरनाथ मंदिर सैकड़ों वर्षों से जनपदवासियों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है। तडके ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, खुद एसपी सुधीर सिंह समेत अधिकारी अलसुबह पहुँच गए। गुरुवार को जनपद में शिवरात्रि मनाई जा रही है। मान्यता है कि मंदिर के स्थान पर औसपास के क्षेत्र में सैकड़ों साल पहले घना जंगल था तथा एक बार इस देव स्थान पर किसी निर्माण कार्य के लिये ग्रामीणों ने जंगल की सफाई का कार्य जैसे ही प्ररम्भ किया जमीन के अंदर से हजारों की संख्या में भौंरे निकले जिससे लोग भाग खड़े हुए, इसके बाद किसी तरह जब दूसरी बार फिर खुदाई शुरू हुई तो हजारों की संख्या में भौंरे के साथ ही सांप-बिच्छु निकलने लगे और लोगों को काटने लगे। इसके उपरान्त इसी स्थल पर शिवलिंग प्रकट हुआ, लोगों ने इसे भगवान की इच्छा समझा और लोग शिवलिंग की पूजा शुरू कर दिया। भगवान शिव के अवतरित होने पर लोगों ने अपनी मनोकामना भी यहां पर रखनी शुरू कर दी और मनोकामना जब पूरे होने लगे तो दूर-दूर तक इस देव स्थान की ख्याति पहुंचने लगी। धीरे-धीरे हजारों की संख्या में लोग यहां पूजा अर्चन और मनौती मानने के लिये उमड़ने लगे। इसके बाद यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया जो कि जनपद के साथ ही आसपास के जिलों के लोगों के लिये आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां पर लोग पुत्र की कामना के साथ आते हैं तो युवा अच्छी नौकरी तथा अच्छे जीवन साथी की कामना के साथ पूजन अर्चन करते हैं। यहां पर शादी विवाह के कार्य संपन्न होते हैं लोगों की शादियों के प्रमाण के तौर पर यहां पर पुजारी के द्वारा बकायदा लिखा पढ़ी भी की जाती है। लोगों की मान्यता है कि यहां पर विवाह के दौरान भगवान शिव तथा अन्य देवों का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन सफल रहता है।
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