यह दृश्य जिला मंडलीय जिला अस्पताल आजमगढ़ के बाहर का है, जहां अस्पताल और आसपास के लोग कचरा फेंकते हैं उसी कचरे में फेंका गया भोजन जो यह व्यक्ति खाने को है मजबूर, जब पापी पेट की भूख की आग जलती है और भोजन ना मिले तो इंसान अपनी भूख शांत करने के लिए सारी बंदिशें को तोड़ देता है, और कचरे में पड़े भोजन या कहीं और पढ़े भोजन को खाने को मजबूर हो जाता है। ऐसे कितने लोग होंगे जो ऐसे भोजन खाने को मजबूर है, जिस तरीके से भोजन को कचरे में फेंका जाता है इधर-उधर फेंका जाता है अगर यही भोजन जरूरतमंद और भूखों को भोजन करा दिया जाए तो शायद ऐसा दृश्य देखने को नहीं मिलता।
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